- A.P.B. Government Postgraduate College, Agastyamuni (PDF 883 KB)
- Chief Education Officer Rudraprayag
- Sarv Shiksha Abhiyan Rudraprayag
समग्र शिक्षा, (प्रारम्भिक)
प्रारम्भिक शिक्षा (कक्षा 01 से 08 तक) के गुणवत्तायुक्त सार्वभौमिकरण हेतु वर्ष 2001-02 में भारत सरकार द्वारा ध्वजवाहक कार्यक्रम सर्व शिक्षा अभियान के रूप में प्रारम्भ किया गया। जिसके निम्न उद्देश्य है-
- प्रत्येक बच्चों में 8 वर्षीय प्रारम्भिक शिक्षा विद्यालयों में निश्चित समयावधि मे पूर्ण कराना।
- प्रारम्भिक शिक्षा को गुणवत्तापरक एवं जीवनोपयोगी शिक्षा बनाना।
- लैंगिक एवं सामाजिक भेद-भाव को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर समाप्त करना।
- विद्यालय में नामांकित बच्चों का सार्वभौमिक ठहराव सुनिश्चित करना।
सर्व शिक्षा अभियान की आधारभूत विशेषताएँ:-
- संस्थागत संस्थानों में सुधार।
- सामुदायिक सहभागिता।
- संस्थागत गुणवत्ता सम्वर्द्धन।
- समुदाय आधारित विद्यालयों का अनुश्रवण।
- सामुदाय आधारित विद्यालय विकास योजना बनाना।
- विशेष वर्ग (बालिका, अनु0जाति, जन जाति एवं कमजोर वर्ग) की शिक्षा पर विशेष ध्यान।
- गुणवत्ता शिक्षा एवं हेतु सत्त प्रयास।
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों हेतु समावेशित शिक्षा।
समग्र शिक्षा प्रा0शि0 के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रम–
- प्रारम्भिक स्तर पर विद्यालय पहुंचः–
- नवीन प्राथमिक विद्यालय खोलने के मानकः– असेवित वस्तियो में नवीन प्राथमिक विद्यालय खोलने हेतु असेवित बस्ती की जनसंख्या 200, प्राथमिक विद्यालय से दूरी 01 किमी0 तथा 6-11 वय वर्ग के बच्चों की संख्या 25 होनी चाहिए।
- नवीन उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलने के मानकः– असेवित बस्तियों में नवीन उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलने हेतु असेवित बस्ती की जनसंख्या 400, उच्च प्राथमिक विद्यालय से दूरी 03 किमी0 तथा पोषक प्राथमिक विद्याालयों की कक्षा 5 में अध्ययनरत बच्चों की संख्या 25 होनी चाहिए।
- विद्यालय अनुदानः– छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों हेतु विद्यालय अनुदान।
- निःशुल्क पाठ्य पुस्तकः– इसके अन्तर्गत समस्त राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों मे अध्ययनरत समस्त बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें की व्यवस्था की जाती है।
- निःशुल्क गणवेशः– इसके अन्तर्गत राजकीय प्रारम्भिक विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त बालिकायें, अनु0जाति, अनु0 जनजाति एवं बी0पी0एल0 परिवार के बालकों को रूपये 600 की दर से दो सैट गणवेश हेतु धनराशि विद्यालयों को दी जाती है।
- अध्यापक प्रशिक्षणः– गुणवत्ता परक शिक्षा हेतु प्रतिवर्ष सेवारत अध्यापको का प्रशिक्षण प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर डायट,ब्लाक एवं संकुल स्तर पर संम्पन्न करने हेतु धनराशि स्वीकृत की जाती है।
- ब्लाक संसाधन केन्द्रः– जनपद के तीनो विकासखण्डों में मे ब्लाॅक संसाधन केन्द्र स्थापित है। ब्लाॅक संसाधन केन्द्रो में 03 ब्लाॅक संदर्भ व्यक्तियों की सहायता से विकासखण्ड में गुणवत्ता परक शिक्षा को प्राप्त करने हेतु कार्यक्रमों का संचालन।
- संकुल संसाधन केन्द्रः– जनपद के तीनों विकासखण्डों में 46 संकुल संसाधन केन्द्र स्थापित है। इनमे अगस्त्यमुनि विकासखण्ड में 22, जखोली विकासखण्ड में 15 एवं ऊखीमठ विकासखण्ड में 09 संकुल संसाधन केंन्द्र है। इन केन्द्रों में कार्यरत समन्वयकोें के द्वारा गुणवत्ता परक शिक्षा को प्राप्त करने हेतु कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है।
- नवाचारी शिक्षाः– सामाजिक एंव लैंगिक भेद-भाव को दूर करने हेतु बालिका शिक्षा अनु0जाति एवं जन जाति इनटरवेंशन के अन्तर्गत किशोरावस्था समस्या समाधान, आत्म रक्षा हेतु जुडो करांटे, समर कैप, विंटर कैप, अभिदर्शन भ्रमण पढे भारत बडे भारत एवं लेख गतिविधियां संचालित की जाती है।
- समावेशित शिक्षाः– जनपद में चिन्हित विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को अन्य सामान्य बच्चों की भाॅति विद्यालयों में शिक्षा दी जाती है। इसके अन्तर्गत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष सहायता उपकरण परिक्षण शिविरों के माध्यम से सहायता उपकरण (व्हील चेयर, चस्मे, बैसाखी, कान की मशीन, मानसिक मंदता किट, कैलीपर्स, अ्र्र्र्र्र्र्र्र्रक्षमता प्रमाण पत्र) प्रदान किये जाते है। इसके अन्तर्गत बच्चों को प्लासटिक एवं करेक्टिव सर्जरी भी की जाती है।
- सामुदायिक सहभागिताः– इनके अन्तर्गत प्रत्येक राजकीय प्रारम्भिक विद्यालयों के विद्यालय प्रबन्धन समितियों के 06 सदस्यों की 03 दिवसीय प्रशिक्षण संकुल स्तर पर दिया जाता है।
- गुणवत्ता संबर्द्धन एवं समुदाय सहभागिता के प्रचार प्रसारः– इसके अन्तर्गत सहायता प्राप्त एंव राजकीय प्रारम्भिक, विद्यालयों मे अध्ययनरत बच्चों के लिए गतिविधि पुस्तिकाएँ सी0सी0ई0 रिपोर्ट कार्ड की व्यवस्था।
- शिक्षा का अधिकारः– भारत सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत 6-14 वय वर्ग के समस्त बच्चों को निशुःल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का अधिकार है। इसके अन्तर्गत मान्याता प्राप्त निजी विद्यालयों की सबसे छोटी कक्षा में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटो पर अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्रवेश का प्रावधान है।
- निमार्ण कार्यः– इसके अन्तर्गत विद्यालयों हेतु अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, बालक/बालिका शौचालय, पेयजल, लद्यु मरम्मत, वृहद मरम्मत, रैंप, विद्युतीकरण आदि की व्ययवस्था।
समग्र शिक्षा (माध्यमिक)
प्रमुख हस्तक्षेपः–
- विद्यालय तक पहुँच– विद्यालय तक पहुँच बनाने हेतु 5 किमी0 से अधिक की परिधि में हाईस्कूल एवं 07 किमी0 से अधिक की परिधि में इण्टरमीडिएट विद्यालयों की स्थापना करना।
- विद्यालय सुदृढ़ीकरण– इसके अन्तर्गत विद्यालयों हेतु अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, प्रयोशाला कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, आर्ट एवं क्राफ्ट कक्ष, बालक/बालिका शौचालय (हाईस्कूल स्तर पर), भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान हेतु प्रयोगशाला (इण्टरमीडिएट स्तर पर) पेयजल, वृहद मरम्मत, रैंप, विद्युतीकरण आदि की व्ययवस्था।
- मीडिया एवं सामुदायिक सहभागिता– इसके अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियां, एस0एम0सी0/एस0एम0डी0सी0 के सदस्यों का प्रशिक्षण एवं बैठक।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु–
- एस0सी0ई0आर0टी/जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण।
- सीमैट द्वारा संस्थाध्यक्षों हेतु विद्यालय नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम।
- नामांकन संख्या के आधार पर विद्यालय विकास अनुदान।
- पुस्तकालय हेतु अनुदान।
- विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम- आपदा, अग्निसम एवं अन्य कार्यक्रम विद्यालय स्तर पर।
- स्मार्ट क्लासरूम/वर्चुअल क्लास- ऑनलाइन क्लास।
- विद्यालयों के ऑनलाइन बाह्य एवं स्व-मूल्यांकन हेतु शाला सिद्धि।
- राष्ट्रीय अविष्कार अभियान–
विज्ञान प्रदर्शनी।
विज्ञान क्विज।
राज्य के अन्दर शैक्षिक भ्रमण (कक्षा-9 व 11 के छात्र-छात्राओं हेतु)।
राज्य से बाहर शैक्षिक भ्रमण (कक्षा-10 व 12 के छात्र-छात्राओं हेतु)।
विज्ञान/गणित किट (कक्षा-9 व 10 हेतु)।
एस्ट्रोनाॅमी क्लब की स्थापना।
5. नवाचारी कार्यक्रम–
- आर्ट एवं क्राफ्ट– स्थानीय शिल्प को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से।
- कला उत्सव– इसके अन्तर्गत छात्र-छात्राओं द्वारा देश, प्रदेश व स्थानीय संस्कृति एवं भाषा को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपनी छुपी हुई प्रतिभाग को निखारने का अवसर प्रदान कराना है।
- मिशन फाॅर एक्सीलेंस इन एग्जामिनेशन– कक्षा-11 में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को NDA/JEE/NEET की तैयारी के उद्देश्य से संचालित।
- सुपर-100 कार्यक्रम– कक्षा-12 में विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राओं को JEE/NEET की दो माह की कोचिंग हेतु।
- यूथ एवं इको क्लब– सामाजिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर जनजागरूकता हेतु कार्यक्रम।6. समता सम्बन्धी कार्यक्रम–
- IEDSS (समावेशी शिक्षा)-
माध्यमिक कक्षाओं में अध्ययनरत दिव्यांग छात्र-छात्राओं हेु गणवेश एवं लेखन सामग्री की प्रतिपूर्ति।
दिव्यांग छात्राओं हेतु रू0 2000/ प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति की व्यवस्था।
दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं हेतु एस्काॅर्ट अलाउंस रू0 6000/प्रतिवर्ष की दर से व्यवस्था। - आत्म सुरक्षा कार्यक्रम– माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं को 45 दिवसीय आत्म रक्षा कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था।
- सेनटी पेड वेंडिंग मशीन– अधिक बालिकाओं वाले विद्यालयों में स्थापित।
- बालिकाओं हेतु केरियर गाइडेन्स कार्यक्रम– कक्षा-9 से 12 तक की छात्राओं हेतु7. व्यावसायिक शिक्षाः– माध्यमिक स्तर की उच्च कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को उनकी रूचि तथा आवश्यकतानुसार विभिन्न ट्रेडों का आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करना।