पहाड़ों में अधिकतर लोग विषम जगहों पर रहते है फिर भी वे अपनी संस्कृति, लोककथाओं, लोगों और लोककथाओं को बनाए रखने में सक्षम हैं। जिले की एक विशिष्ट विशेषता मौसमी, पारंपरिक और धार्मिक होना है ,जिनमे से कुछ नीचे वर्णित है
प्रमुख मेले–
हरियाली देवी मेला :
यह मेला हर साल नवरात्र के समय (सितम्बर -अक्टूबर ) के समय हरियाली देवी मंदिर में होता है। मंदिर में शेर की पीठ पर देवी का एक अलंकरण है ।देवी की पूजा करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां विभिन्न जगहों से भक्त एकत्र होते है । ।
बैशाखी मेला– अप्रैल माह के 13-14 तारीख को मंदाकिनी घाटी में अगस्तमुनी, फेगू,तालतोली आदि स्थानों में बडी उत्सुकता से मनाया जाता है। इसी दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है।
मदमहेश्वर मेला-मदमहेश्वर मेला जिले उखीमठ ब्लाॅक मुख्यालय में आयोजित किया जाता है। द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की डोली जब शीतकालीन प्रवास के लिए मदमहेश्वर धाम से वापस पंचकेदारों के गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुचती है, इस अवसर पर मदमहेश्वर मेले का भव्य आयोजन किया जाता है। मेले में विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहॅचते है।
पाण्डव नृत्य– जनपद रूद्रप्रयाग में पाण्डव नृत्य अत्यंत लोकप्रिय है। पाण्डव नृत्य महाभारत में वर्णित कौरव-पाण्डवों के नृत्य और संगीत पर आधारित है। मान्यता है कि कुरूक्षेत्र यु़द्ध में गुरू हत्या, गोत्र हत्या पाप से मुक्ति हेतु शिवराधना एवं दर्शन को लालयित पाण्डव इसी भू-भाग में आये थे। पाण्डवों की स्तुति में आज भी इस भू-भाग में पाण्डव लीलाओं का आयेजन होता है।
प्रमुख त्यौहार:
रामनवमी:यह श्री राम के जन्मदिन के शुभ दिन मनाया जाता है; यह चैत्र महीने के नौवें दिन पड़ता हैं। भक्त जन इस दिन पर ‘भजन’ गाते है एवं धुप जलाकर भगवान राम की पूजा करते है |
होली: रंगों का उत्सव मनाया जाता है रंगों के साथ खेलने के अलावा, यंहा के लोग होलिका के इर्द गिर्द नाचते है एवं एवं ठंडाई का सेवन करते है |
शिवरात्रि: इस त्यौहार का आयोजन भगवन शिव के सम्मान में किया जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के मंदिर सजाये जाते है भक्ति गीत गाये जाते है एवं रस्म पूरी की जाती है एवं मेले भी आयोजित किये जाते है ।
नागपंचमी: नागपंचमी नाग देवता का धन्यवाद करने के लिए मनाया जाता है , इसे श्रावण माह के पांचवें दिन मनाया जाता है। नागों को दूध की पेशकश की जाती है और साँपों की आक्रति बनायीं जाती है ।
रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दिवाली और दशहरा प्रमुख त्यौहारों में से हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में महान धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोक नृत्य और दैविक नृत्य देश के उत्सव और संस्कृति का हिस्सा हैं